अंहस्पत्य
यन्त्रोपारोपितकोशांशः
सम्पाद्यताम्Vedic Rituals Hindi
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
अंहस्पत्य पु.
दुःखाधिपति [सूर्य के दो संक्रमण (याम्योत्तरगमन) से युक्त मास का नाम]; चातुर्मास्य याग के शुनासीरीय पर्व के समय इसको एक कपाल पर अर्पणीय वस्तु दी जाती है; तै.ब्रा. 1.4.14.1; 6.5.3.4; मै.सं. 3.12.13, आप.श्रौ.सू. 8.2०.8, भार.श्रौ.सू. 8.24.7; मा.श्रौ.सू. 2.4.2.3 के अनुसार द्वितीय ऋतुग्रह सोमयाग के समय प्रतिप्रस्थातृ (प्रतिप्रस्थाता) के द्वारा इस देवता को अर्पित किया जाता है।