यन्त्रोपारोपितकोशांशः

सम्पाद्यताम्
 

पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्।


अकौद्रेय पु.
(न कौद्रेयः) जो कुद्रि कुल का न हो, का.श्रौ.सू. 1०.2.2०; (दक्षिणा का वितरण; यह दक्षिणा कुद्रि के वंशजों को नहीं दी जाती है) श.ब्रा. 4.3.4.21। अक्त (स्त्री आ) (अञ्ज् + क्त) (घृत, दुग्ध, दधि अथवा मधु से) लिप्त; लिप्त वस्तुएं ः 1. बर्हिष् 2. अरणियां 3. आलभ्य पशु 4. पकाया हुआ भोजन 5. शमी काष्ठ; अ.वे. 7.98 (1०3) = कौशि.सू. 6.7; तै.सं. 1.3.7.1; वा.सं. 2.16; श.ब्रा. 1.8.3.14; मा.श्रौ.सू. 5.1०.2; जै.गृ.सू. 1.4. (4.15); कौशि.गृ.सू. 3.2.2; (पशुभाग को काटने के लिए प्रयुक्त) घृतलिप्त (चाकू) आप.श्रौ.सू. 7.14.13।

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