इण्ड्वा
यन्त्रोपारोपितकोशांशः
सम्पाद्यताम्Vedic Rituals Hindi
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
इण्ड्वा न.
(द्वि.) घड़े के लिए आलम्बन, घटालम्बन, श्रौ.को. I.ii. 9०3 [बौ.श्रौ.सू. 17.31-38; 23.16; 26.22; 14.3०]; तु,का.श्रौ.सू. 16.5.3 (परिमण्डलाभ्यामिण्ड्वाभ्यामुखां परिगृह्णाति------); चि.भा.से. (जिसमें अगिन् रखी जाती है, उस, उखा को ले जाने के लिए हाथों के लिए की सुरक्षा के रूप में प्रयुक्त ‘मुञ्ज’ संज्ञक घास को दो पत्र, श.ब्रा. 6.7.1.25; ‘शिक्यरुक्मपाशेण्ड्वासन्दीः परेणास्यति- -----’, का.श्रौ.सू. 17.2.4 (चयन); तप्त उखा-पात्र (मराठी में कम्बल) को पकड़ने के लिए प्रयुक्त घास का गुच्छा, काशिका परिशिष्ट।-काष्ठ की तश्तरी, जो गरम कड़ाही को पकड़ने के समय हाथ की रक्षा के लिए प्रयुक्त होती है, आप.गृ.सू. 23.7; तु.दर्भेड्व, खारीड्व। इति (इण् गतौ + क्तिन्) वहाँ आने का साधन, जै.ब्रा. I.25।