ओवीली
यन्त्रोपारोपितकोशांशः
सम्पाद्यताम्Vedic Rituals Hindi
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
ओवीली स्त्री
= ओविली, एक क्षैतिज अथवा ऊर्ध्वाधर लगुड जिसमें चात्र (एक तकुआ = मन्थन दण्ड) बैठा दिया जाता है। यह प्रमन्थ (उत्तरारणि से काटी गई खूँटी) से चात्र के सञ्चरण को नियन्त्रित एवं नियमित करता है। ओविली की लम्बाई बारह अंगुल होती है, यज्ञायुधानि, पृ. 3,4 (ऊर्ध्वाधर ओविली); द्रष्टव्य - अगिन्मन्थन। ओ श्रावय पु. = आ श्रावय, इष्टि में अगनीध्र के प्रति अध्वर्यु की पुकार, द्रष्टव्य - आश्रवण।