कृष्
यन्त्रोपारोपितकोशांशः
सम्पाद्यताम्Apte
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
कृष् [kṛṣ], I. 6 U. (कृषति-ते, कृष्ट) To plough, make furrows; ततस्ते देवयजनं ब्राह्मणाः स्वर्णलाङ्गलैः । कृष्ट्वा तत्र यथाम्नायं दीक्षयां चक्रिरे नृपम् ॥ Bhāg.1.74.12. -II. 1 P. (कर्षति, कृष्ट)
To draw, drag, pull, drag away, tear; प्रसह्य सिंहः किल तां- चकर्ष R.2.27; V.1.19.
To draw towards oneself, attract; हस्ताभ्यां नश्यद्क्राक्षीद् Bk.15.47; Bg.15.7.
To lead or conduct as an army; स सेनां महतीं कर्षन् R.4.32.
To bend (as a bow); नात्यायतकृष्टशार्ङ्गः R.5.5.
To become master of, subdue, vanquish, overpower; बल- वानिन्द्रियग्रामो विद्वांसमपि कर्षति Ms.2.215; नक्रः स्वस्थानमासाद्य गजेन्द्रमपि कर्षति Pt.3.46.
To plough, till; अनुलोमकृष्टं क्षेत्रं प्रतिलोमं कर्षति Sk.
To obtain; कुलसंख्यां च गच्छन्ति कर्षन्ति च महद्यशः Ms.3.66.
To take away from, deprive one of (with two acc.).
To scratch; सुवीरकं याच्यमाना मद्रिका कर्षति स्फिचौ Mb.8.4.38. -Caus.
To draw out, tear up.
To extract.
To torture, torment, give pain.
To plough, till, cultivate.
Monier-Williams
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
कृष् cl.1 P. कर्षति, rarely A1. ते( perf. चकर्ष, 2. sg. षिथPa1n2. 7-2 , 62 Ka1s3. ; fut. कर्क्ष्यतिor क्रक्ष्य्; कृषिष्य्DivyA7v. xvii ; कर्ष्टाor क्रष्टाPa1n2. 7-2 , 10 Ka1s3. ; aor. अकृक्षत्[or अकार्क्षीत्] or अक्राक्षीत्, iii , 1 , 44 Va1rtt. 7 ; inf. क्रष्टुम्) , to draw , draw to one's self , drag , pull , drag away , tear RV. AV. S3Br. etc. ; to lead or conduct (as an army) MBh. ; to bend (a bow) Ragh. v , 50 ; to draw into one's power , become master of , overpower Mn. ii , 215 MBh. iv , 20 R. Pan5cat. ; to obtain Mn. iii , 66 ; to take away anything( acc. )from any one( acc. ) Vop. v , 8 ; to draw or make furrows , plough RV. viii , 22 , 6 La1t2y. v , 1 , 4 Vait. ( A1. ) R. iii , 4 , 12 BhP. ( ind.p. कृष्ट्वा): cl.6 P. A1. कृषति, ते( p. कृषत्) , to draw or make furrows , plough RV. AV. TS. S3Br. etc. ; A1. to obtain by ploughing AV. xii , 2 , 16 ; to travel over MBh. iii , 16021 : Caus. कर्षयति, to draw , drag RV. x , 119 , 11 ( aor. 1. sg. अचिकृषम्) R. Mr2icch. ; to draw or tear out MBh. iii , 2307 ; to pull to and fro , cause pain , torture , torment Mn. MBh. etc. ; " to plough "See. कर्षित: Intens. ( pr. p. and Subj. 3. sg. चर्कृषत्; impf. 3. pl. अचर्कृषुर्)to plough RV. AV. ; चरीकृष्यतेor Ved. करीक्, to plough repeatedly Pa1n2. 7-4 , 64 ; ([ cf. Lith. karszu , pleszau ; Russ. c8eshu ; Lat. verro , vello ; Goth. falh.])
कृष् mfn. See. कंस-क्.