यन्त्रोपारोपितकोशांशः

सम्पाद्यताम्
 

पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्।


चतुर्थविसर्ग पु.
(चतुर्थस्य विसर्गः) चौथी पीढ़ी का परित्याग; यह नियम कि केवल ऊपर की तीन पीढ़ियां ही ‘पिण्ड’ प्राप्त करने की अधिकारी हैं अथवा ‘एकोदिद्ष्ट’ के पश्चात् पितरों के परिमण्डल को प्राप्त करने के लिए अधिकृत हैं चौथी पीढ़ी अर्थात् ‘प्रप्रपितामह’ भी यद्यपि पितरों में एक है किन्तु नियमित ‘पार्वणश्राद्ध’ में उसे छोड़ दिया जाता है, शां.गृ.सू. 4.2.8; तुल. ओल्डेनवर्ग, श.ब्रा.इ. XXIX, 1०9. चतुरवत्तता चतुर्थविसर्ग 225

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