दह्
यन्त्रोपारोपितकोशांशः
सम्पाद्यताम्Apte
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
दह् [dah], 1 P. (दहति, ददाह, अधाक्षीत्, धक्ष्यति, दग्धुम्, दग्ध, desid. दिधक्षति)
To burn, scorch (fig. also); दग्धुं विश्वं दहनकिरणैर्नोदिता द्वादशार्काः Ve.3.6;5.2; सपदि मदनानलो दहति मम मानसं देहि मुखकमलमधुपानम् Gīt.1; Ś.3.16.
To consume, destroy completely; एकमेव दहत्यग्निर्नरं दुरुप- सर्पिणम् Ms.7.9.
To pain, torment, afflict, distress, grieve; इत्थमात्मकृतमप्रतिहतं चापलं दहति Ś.5; तत् सविषमिव शल्यं दहति माम् 6.9; एतत्तु मां दहति यद् गृहमस्मदीयं क्षीणार्थमित्य- तिथयः परिवर्जयन्ति Mk.1.12; R.8.86; U.4.14.
To cauterize (in medicine). -With निस्
To burn, consume.
to torment, distress, pain. -परि to burn, scorch; दिशि दिशि परिदग्धा भूमयः पावकेन Ṛs.1.24; Bg.1.3.
प्र to burn.
to burn completely.
to pain, torment.
to trouble, tease. -सम् to burn; अभिजनः संदह्यतां वह्निना Bh.2.39.
Monier-Williams
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
दह् cl.1. P दहति( ep. also A1. ; p. दहतिimpf. अदहत्; aor. अधाक्RV. ii , 15 , 4 ; 1 .sg. क्षम्MBh. vii ; 3. pl. क्स्कुर्Katha1s. ; Subj. धाक्RV. i , 158 , 4 ; 2. sg. धक्षि, iv , 4 , 4 ; p. धक्षत्[also nom. m. ] , vi , 3 , 4 x , 91 , 7 दह्षत्, i , 130 , 8 ; fut. धक्ष्यति[ Pa1n2. 7-2 , 10 Siddh. Ka1r. 6 ] MBh. [ Pot. धक्ष्येत्, i , 8383 ] etc. ; दहिष्य्, i , 2120 BhP. iv Prasan3g. xix , 7 ; inf. दग्धुम्)to burn , consume by fire , scorch roast RV. etc. ; to cauterise Sus3r. ; to consume , destroy completely Mn. vii , 9 MBh. etc. ; to torment, torture, pain, distress, disturb, grieve MBh. etc. : Pass. दह्यते( तिMa1nGr2. ii , 15 MBh. i f. , xii f. ); to be burnt , burn , be in flames AV. Nir. etc. ; to be consumed by fire or destroyed Mn. vi , 71 ; to be inflamed (a wound) Sus3r. i , 28 ; to be consumed by internal heat or grief , suffer pain , be distressed or vexed MBh. etc. ; Caus. दाहयतिto burn or be burned Mn. Ya1jn5. i , 89 MBh. etc. ; to cause to be cooked Hariv. 15523 ( aor. pl. अदीदहन्): Desid. दिधक्षति( cf. क्षा, क्षु)to be about to burn or consume or destroy MBh. i-iv R. ( p. क्षमाण): Desid. Caus. ( p. क्षयत्)to cause any one to make efforts to burn Bhat2t2. iii , 33 : Intens. दन्दहीति, ह्यते( Pa1n2. 3-1 , 24 ; 7-4 , 86 ) to burn or destroy completely Hariv. 8726 BhP. vi , 8 , 21 ( Impv. दग्धि) S3is3. Prasannar. vi , 32 and 48 ; A1. to be burnt completely Hariv. 7040 BhP. Pan5cat. i , 8 , 23/24 [ cf. Lith. degu4 , " I am hot " ; Goth. dag-s ; Old Germ. ta1h-t , " a wick " ]
दह् mfn. " burning "See. उश-.