मृष्
यन्त्रोपारोपितकोशांशः
सम्पाद्यताम्शब्दसागरः
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
मृष्¦ r. 1st and 10th cls. (मर्षति-ते मर्षयति-ते) and 4th cl. (मृष्यति-ते)
1. To bear, to suffer, to endure patiently.
2. To permit.
3. To pardon. (उ) मृषु r. 1st cl. (मर्षति-ते) To sprinkle. With आङ्, To be angry. With वि, To be distressed, to bear hardly.
Apte
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
मृष् [mṛṣ], I. 1 P. (मर्षति) To sprinkle. -II. 1 U. (मर्षति-ते)
To bear, endure &c. (usually 4 U.).
To sprinkle. -III. 4, 1 U. (मृष्यति-ते, मर्षयति-ते, मर्षित)
To suffer, bear, endure, put up with; न मर्षयन्ति चात्मानं संभावयितु- मात्मना Rām.6.65.4; तत्किमिदमकार्यमनुष्ठितं देवेन-लोको न मृष्यतीति U.3; R.9.62.
To allow, permit.
To pardon, forgive, excuse, forbear; मृष्यन्तु लवस्य बालिशतां तातपादाः U.6; प्रथममिति प्रेक्ष्य दुहितृजनस्यैको$पराधो भगवता मर्षयितव्यः Ś.4; आर्य मर्षय मर्षय Ve.1; महाब्राह्मण मर्षय Mk.1.
To forget, neglect.
Monier-Williams
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
मृष् (often confounded with 1. मृश्) cl.4 P. A1. ( Dha1tup. xxvi , 55 ) मृष्यति, ते(in RV. only A. ; accord. to Dha1tup. xvii , 57 also cl.1 P. A1. मर्षति, तेSee. 3. मृष्; pr.p. मृषत्BhP. ; pf. ममर्षRV. , ममृषेMBh. etc. ; aor. , मृष्ठास्, मृषन्त्तRV. ; मर्षिष्ठास्ib. ; अर्न्रिषत्MBh. ; अमर्ष्रीत्Gr. ; fut. , मर्षिता; मर्षिष्यति, तेib. ; inf. -मृषेRV. ; ind.p. , मर्षित्वा, म्रिषित्वाor मृष्ट्वाGr. ; -मृष्यMBh. ) , to forget , neglect RV. MaitrS. ; to disregard , not heed or mind , mind , bear patiently , put up with( acc. ) S3Br. etc. ; to pardon , forgive , excuse , bear with( gen. ) MBh. ; to suffer , permit to( inf. ) Das3. ; to like (with , अस्, dislike) MBh. : Caus. (or cl.10. Dha1tup. xxxiv , 40 ) मर्षयति, ते( aor. अमीमृषत्or अममर्षत्) , to cause to forget MaitrS. ; to bear , suffer , overlook , pardon , excuse RV. etc. etc. (mostly with acc. ; sometimes with Pot. or fut. or with Pot. after यद्, यच् च-यदि, यदा, जातुe.g. न मर्षयामि यत्-, I cannot Pa1n2. 3-3 , 145 etc. ); to put up with anything from( gen. ) R. ; (with न) , not to let alone , molest MBh. : Intens. माम्रिषत्, to bear , suffer Kaus3.
मृष् ( ifc. )one who bears or endures , bearing MW.
मृष् (See. 1. मृष्) cl.1 P. A1. मर्षति, तेto sprinkle , pour out Dha1tup. xvii , 57.