संचर
यन्त्रोपारोपितकोशांशः
सम्पाद्यताम्Apte
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
संचरः [sañcarḥ], 1 Passage, transit from one zodiacal sign to another.
A way, path; यत्रौषधिप्रकाशेन नक्तं दर्शितसंचराः Ku.6.43; R.16.12.
A narrow road, defile, difficult passage.
Entrance, gate.
The body.
Killing.
Development. -a. Going about, moving everywhere; अनिरुक्तस्त्रयोदशः स्तोभः संचरो हुंकारः Ch. Up.1.13.3.
Monier-Williams
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
संचर/ सं-चर mfn. going about , moving(See. दिवा-स्)
संचर/ सं-चर mfn. going or belonging together , simultaneous VS. A1pS3r.
संचर/ सं-चर m. ( ifc. f( आ). )passage , a way , road , path , place for walking ( esp. the space assigned to each person who takes part in a rite) TS. S3Br. S3rS. Ka1lid. Katha1s.
संचर/ सं-चर m. a difficult passage , defile , bridge over a torrent etc. W.
संचर/ सं-चर m. (in सांख्य) evolution , development , emanation Tattvas.
संचर/ सं-चर m. the body L.
संचर/ सं-चर m. killing W.
Vedic Rituals Hindi
सम्पाद्यताम्
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
संचर पु.
(सम् + चर् + अच्) यज्ञ के अनुष्ठान के समय यज्ञानुष्ठान स्थल के भीतर ऋत्विजों के भ्रमण (चहलकदमी) के लिए नियत मार्ग और उनके प्रवेश एवं निर्गमन के लिए, उन कृत्यों में जिसमें उत्तरवेदि की आवश्यकता होती है (सोम आदि) एवं इष्टियों में प्रणीता एवं उत्कर के मध्य (स्थित मार्ग), का.श्रौ.सू. 1.3.4243; होम करने के लिए ऋत्विज् द्वारा प्रयुक्त मार्ग, 3.1.17 (परिधीनपरेण सञ्चरो होष्यतः); = तीर्थ; सोम-याग में अध्वर्यु एवं पर्यवेक्षकों के सञ्चरण के लिए ‘आगनीध्रीय’ एवं ‘चात्वाल’ के बीच मार्ग, आप.श्रौ.सू. 11.13.1०; (सरकने ‘प्रसर्पण’ का मार्ग), भा.श्रौ.सू. 14.1०.7; वि. समानरूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमना (सञ्चरण); उन पाँच सर्वनिष्ठ आहुतियों के बारे में कथन, जो (आहुतियां) चातुर्मास्य के सभी पर्वों में घटित होती है, आप.श्रौ.सू. 8.2.3।